Raat se samvaad.
रात से संवाद
ये जो ठहरा-ठहरा चाँद है, चाँदनी सोई-सोई,
रात की जो राख है, दूर तलक बिखरी हुई,
कुछ तो है ये कह रही, या शायद कुछ भी नहीं,
अलसाई सी एक फुसफुसाहट, गले ही में दबी-दबी,
मुझे है ये बुला रही, नाम मेरा पुकारती,
"अबे मेरे बाप, तुझे नींद क्यों ना आ रही!"
Its hindi unicode font, doesn't work well with FireFox. If you see just garbled characters, you can see the text in this image.
3 comments:
बहुत अच्छे। :-)
what a sexy looking blog. even i want mine to look like this :(
Thanku-waad Jeetu bhai
@Mangs:
[AustinPowers]
I thank you.
[/AustinPowers]
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